भारत सरकार केवल किसानो को ही नहीं बल्कि सभी छोटे एवं लघु उद्योगों ( MSME) को भी प्रोत्साहित कर रही है, ग्रामीण क्षेत्रो में आज भी घर घर में कई प्रकार के छोटे व्यवसाय चलाये जाते है जैसे पापड़ का व्यवसाय, अचार का व्यवसाय, दुध की डेरी, मसाले की प्रोसेसिंग आदि , इन्ही छोटे व्यवसाय को आगे बढ़ाने एवं इनको उचे स्थर पर पहुंचाने का प्रयास भारतीय सरकार कर रही है औऱ खाद्य प्रसंस्करण में ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की ओर निरंतर कदम उठा रही है।इसी प्रयास के चलते केंद्रीय सरकार ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना 2025 (PMFME) की शुरुआत की थी।

इस योजना के तहत जो कृषक, उद्यमियों एवं स्वयं सहायता समूहों द्वारा फूड प्रोसेसिंग, फ्रूट प्रोसेसिंग एवं मिल्क प्रोसेसिंग से संबंधित व्यापार कर रहे है और नए ईच्छुक उद्यमी/किसान इस व्यापार को करना चाहते है। जैसे – केला चिप्स यूनिट, हल्दी प्रोसेसिंग, मिर्ची प्रोसेसिंग, पापड़, बड़ी, दाल प्रोसेसिंग, कुरकुरे, पोंगा, अचार, ब्रेड टोस्ट, मावा, पनीर, आईस्क्रीम, मिठाई या कृषि से संबंधित किसी भी फसल की प्रोसेसिंग करने हेतु ईच्छुक है, तो उन उद्यमियों को सरकार द्वारा यूनिट के निर्माण पर 35 प्रतिशत अनुदान अधिकतम 10 लाख तक दिये जाने का प्रावधान है। योजना के प्रावधानुसार केला प्रसंस्करण करने वाले उद्मियों को प्राथमिकता दी जायेगी।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना क्या है ?
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना (PMFME) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक क्रांतिकारी पहल है, जिसके अंतर्गत सरकार “ लोकल फॉर वोकल ” को बढ़ावा दे रही है। इस योजना की शुरुआत 29 जून , 2020 को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा शुरू की गई थी और इसका कार्यान्वयन (2020-2025) तक किया जाना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे एवं लघु उद्योगों को आर्थिक एवं व्यावसायिक सहायता प्रदान करनी है।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना का उद्देश्य :
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्ये एवं केंद्र सरकार की सहायता से अखिल भारतीय सतर पर छोटे एवं लघु खाद्य उद्यमों को वित्तीय , तकनीकिय एवं कारोबार सहायता (PMFME) के अंतरगत प्रदान करने का निश्चय किया है। इस योजना के कुछ व्यापक उद्देश्य इस प्रकार है :
- इस योजना के तहत व्यक्तिगत/स्वरोजगार में लगे खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को वित्तीय सहायता मिलेगी।
- सरकार अब ₹10 लाख तक का ऋण (क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी) देगी।
- 35% सब्सिडी (अधिकतम ₹10 लाख तक) मिल सकती है।
- ब्रांडिंग और मार्केटिंग सपोर्ट भी सरकार द्वारा छोटे एवं लघु खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को मिलेगा।
- FSSAI पंजीकरण, Udyam रजिस्ट्रेशन, GST नंबर की सहायता भी प्रदान की जाएगी जिससे उद्यमियों को किसी भी प्रकार की परेशानी नही उठानी पड़ेगी ।
- ट्रेनिंग और तकनीकी जानकारी उद्यमियों को व्यवसाय की मजबूत नीव रखने में सहायता करेगी।
लाभार्थी कौन हो सकते हैं?
इस योजना के अंतर्गत निन्मलिखित लाभार्थी पात्र हो सकते है :
- व्यक्तिगत लघु (Micro ) फूड प्रोसेसर
- स्वयं सहायता समूह (SHGs)
- कृषक उत्पादक संगठन (FPOs)
- सहकारी समितियाँ
(PMFME) में आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ :
इस योजना में आवेदन करने के लिये किसी भी उद्यमी के पास यह सभी दस्तावेज होना आवश्यक है :
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक पासबुक
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- बिजनेस प्लान / प्रोजेक्ट रिपोर्ट
- FSSAI / UDYAM / GST पंजीकरण
यदि आपके पास यह सभी दस्तावेज है और आप भी एक छोटे एवं लघु उधोग को चलाते है तो आप निचे दी गयी आवेदन प्रक्रिया को फॉलो करके सफलतापूर्वक इस योजना (PMFME) का लाभ उठा सकते है।
आवेदन प्रक्रिया :
इस योजना में सभी इक्छुक छोटे एवं लघु खाद्य प्रसंस्करण उद्यमिय निन्म स्टेप्स को फॉलो करके प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना 2025 (PMFME) का लाभ उठा सकते है:
- इसमें आवेदन करने के लिए सबसे पहले पात्र उद्यमी को ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा https://pmfme.mofpi.gov.in/
- फिर वेबसाइट पर Apply Online बटन पर क्लिक करें
- सभी आवश्यक जानकारी फॉर्म में भरे और जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें
- सभी आवश्यक जानकारी एवं दस्तावेज अपलोड करने के बाद उससे ध्यानपूर्वक चेक क्ररले कहीं कोई जानकारी गलत तो नहीं है ।
- सब कुछ करने के बाद अपना आवेदन सबमिट करें और ट्रैकिंग आईडी सेव करें।
इस सभी स्टेप्स को करने के बाद आपका आवेदन सफलतापूर्वक सबमिट हो जायेगा।
(PMFME) योजना के लाभ :
अब इस योजना से मिलेगा सभी सूक्ष्म एवं छोटे उद्यमियों को लाभ , कर पाएंगे अपने सपने साकार। अब केंद्र एवं राज्ये सरकार देंगी साथ छोटे व्यवसायों के लिए करेंगी हर तरह के प्रयास।

- शिक्षण एवं सहयोग से छोटे खाद्य उद्यमियों को स्थापित होने में सहायता मिलेगी और यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महतवपूर्ण कदम साबित होगा।
- एक जिला-एक उत्पाद योजना के डिजिटल मानचित्र के माध्यम से इस योजना से जुड़े सभी लाभार्थियों के उत्पादों की समग्र जानकारी एक साथ प्राप्त हो सकेगी।
- डिजिटल मैप में आदिवासी, एस.सी, एस.टी और आकांक्षी ज़िलों के लिये संकेतक भी हैं।
- यह लाभार्थियों को इसके मूल्य विकास के लिये ठोस प्रयास करने में सक्षम बनाएगा।
- (PMFME) योजना आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के अनुरूप है और यह स्थानीयता के महत्त्व को बढ़ावा देता है।
- इसी क्रम में भविष्य में स्थानीय उत्पादन, स्थानीय विपणन और स्थानीय आपूर्ति शृंखला के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
- सूक्ष्म खाद्य उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये क्षमता संवर्धन भी बहुत आवश्यक है।
- छोटे उद्यमियों के प्रोत्साहन में यह कदम एक सराहनीय पहल सिद्ध होगा।
(PMFME) की विशेषताएँ:
- एक ज़िला एक उत्पाद (ODOP) की पहल :
- अब राज्य सरकार इस योजना के अंतर्गत मौजूदा समूहों और कच्चे माल की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए ज़िलों के लिये खाद्य उत्पादों की पहचान करेंगे।
- ODOP एक अनाज आधारित या एक क्षेत्र में व्यापक रूप से उत्पादित खाद्य पदार्थ जैसे- आम, आलू, अचार, बाजरा आधारित उत्पाद, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, आदि हो सकते हैं।
- क्षमता निर्माण के तहत दिये जाने वाले प्रशिक्षण का मूल्यांकन और प्रमाणन खाद्य उद्योग क्षमता और कौशल पहल (FICSI) द्वारा किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (PMFME) योजना के क्षमता निर्माण घटक के अंतर्गत मास्टर ट्रेनरों को ऑनलाइन मोड, क्लासरूम लेक्चर, प्रदर्शन और ऑनलाइन पाठ्य सामग्री के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
वित्य आबंटन :
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन (PMFME) योजना 10,000 करोड़ रुपए के वित्य आबंटित केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है।
इस योजना के तहत होने वाले व्यय को केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के अनुपात में, उत्तर पूर्वी तथा हिमालयी राज्यों के बीच 90:10 के अनुपात में, विधायिका वाले केंद्रशासित प्रदेशों के साथ 60:40 के अनुपात में तथा अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के मामले 100% केंद्र सरकार द्वारा साझा किया जाता है।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य छोटे खाद्य प्रसंस्करण व्यवसायों को सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
PMFME लोन के लिए कौन पात्र है?
अगर आपकी आयु 18 वर्ष से ज़्यादा है और आप माइक्रो फूड प्रोसेसिंग के मालिक हैं , तो आप PMFME सब्सिडी के लिए योग्य हैं
क्या इस योजना में स्वयं सहायता समूह आवेदन कर सकते हैं?
हाँ, SHG (Self Help Group) भी पात्र हैं।
कितनी सब्सिडी दी जाती है?
कुल लागत पर 35% तक की सब्सिडी दी जाती है, अधिकतम ₹10 लाख तक।
आवेदन की प्रक्रिया क्या है?
आवेदन ऑनलाइन पोर्टल https://pmfme.mofpi.gov.in/ पर किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री सक्षम खाद योजना क्या है?
सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना प्रोजेक्ट लागत के 35% पर क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं, अधिकतम सब्सिडी 10 लाख रुपए प्रति उद्यम तक हो सकती हैं। लाभार्थी का योगदान न्यूनतम 10% होना चाहिए और शेष राशि बैंक से ऋण होनी चाहिए ।
निष्कर्ष (Conclusion) :
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन (PMFME) योजना देश के छोटे एवं खाद्य उद्यमियों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह योजना केवल आर्थिक मदद ही नहीं देती, बल्कि व्यवसाय को सशक्त बनाकर स्थानीय स्तर पर रोजगार, उत्पादन और गुणवत्ता को भी बढ़ावा देती है।इसके तहत सभी उद्यमियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया जाता है जिससे वे अपने व्यवसाय यदि आप भी एक फूड प्रोसेसिंग यूनिट चला रहे हैं या शुरू करना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए वरदान साबित हो सकती है।
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