हेलो दोस्तों आप सबका स्वागत है हमारे इस आर्टिकल में और आज हम जैविक खेती योजना 2025 के बारे में बात करेंगे, पूरी जानकारी जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा करें.
जैविक खेती योजना 2025
भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। लेकिन समय के साथ रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग के कारण मिट्टी की उर्वरता घटती जा रही है और लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने जैविक खेती योजना 2025 की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करना, कृषि उत्पादों को रसायन मुक्त बनाना और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखना है।
सरकार चाहती है कि देश के अधिक से अधिक किसान जैविक खेती अपनाकर पर्यावरण के अनुकूल और स्वस्थ उत्पादों का उत्पादन करें। इसके लिए सरकार आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण, बाजार उपलब्धता और प्रमाणन जैसी सुविधाएं प्रदान कर रही है ताकि किसानों को जैविक खेती करने में कोई परेशानी न हो।
जैविक खेती योजना क्या है?
जैविक खेती एक ऐसी कृषि पद्धति है जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और अन्य रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता है। इसके स्थान पर जैविक खाद, जैविक कीटनाशक और प्राकृतिक उर्वरकों का उपयोग किया जाता है। जैविक खेती का मुख्य उद्देश्य मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना, पर्यावरण को सुरक्षित रखना और स्वस्थ खाद्य पदार्थों का उत्पादन करना है।
इस प्रकार की खेती में गोबर खाद, हरी खाद, जैविक कीटनाशक, जैव उर्वरक और कंपोस्ट खाद का उपयोग किया जाता है। इससे मिट्टी में जैविक तत्वों की मात्रा बनी रहती है और भूमि की उत्पादकता बढ़ती है।
जैविक खेती योजना 2025 का उद्देश्य
1.रासायनिक मुक्त खेती को बढ़ावा देना – किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करना ताकि खेती में रासायनिक पदार्थों का प्रयोग कम हो।
2.मृदा की उर्वरता बनाए रखना – जैविक खाद और जैव उर्वरकों का उपयोग करके मिट्टी की गुणवत्ता और उपज को बनाए रखना।
3.स्वस्थ खाद्य उत्पादों का उत्पादन – लोगों तक रसायन मुक्त और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य सामग्री पहुंचाना।
4.किसानों की आय में वृद्धि – जैविक उत्पादों की अधिक मांग होने के कारण किसानों को अच्छे दाम दिलाकर उनकी आय बढ़ाना।
5.पर्यावरण संरक्षण – जैविक खेती के माध्यम से मिट्टी, जल और वायु को प्रदूषण मुक्त बनाए रखना।
जैविक खेती योजना 2025 के मुख्य घटक
•प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान
सरकार किसानों को जैविक खेती के प्रति जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाओं का आयोजन करेगी। इसमें किसानों को जैविक खाद, जैव उर्वरक, जैव कीटनाशक और जैविक खेती के तरीकों के बारे में सिखाया जाएगा।
•वित्तीय सहायता
सरकार किसानों को जैविक खेती के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इसमें जैविक खाद, बीज, जैविक कीटनाशक और जैव उर्वरकों पर 50% से 75% तक की सब्सिडी दी जाएगी।
•जैविक उत्पाद बाजार
सरकार जैविक उत्पादों को बेचने के लिए विशेष बाजार स्थापित करेगी ताकि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। इसके अलावा ई-नाम पोर्टल के माध्यम से किसानों को ऑनलाइन बाजार सुविधा भी दी जाएगी।
•प्रमाणन प्रणाली
जैविक उत्पादों को प्रमाणित करने के लिए सरकार एक प्रमाणन प्रणाली लागू करेगी। यह प्रमाणन उत्पादों की गुणवत्ता और जैविकता को दर्शाएगा, जिससे किसानों को अच्छे दाम मिल सकेंगे।
•किसान समूहों को प्रोत्साहन
यदि किसान समूह बनाकर जैविक खेती करते हैं तो सरकार उन्हें और अधिक लाभ प्रदान करेगी। इसके लिए एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को प्रोत्साहित किया जाएगा।
जैविक खेती योजना के लाभ
1.स्वास्थ्यवर्धक खाद्य उत्पाद
जैविक खेती के माध्यम से उत्पादित फसलें रसायन मुक्त और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं। इन खाद्य पदार्थों के सेवन से लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
2.मृदा की गुणवत्ता में सुधार
जैविक खाद और जैव उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता और उर्वरता बनी रहती है। इससे भूमि की उत्पादन क्षमता लंबे समय तक बनी रहती है।
3.पर्यावरण संरक्षण
जैविक खेती के माध्यम से जल, वायु और मिट्टी का प्रदूषण कम होता है, जिससे पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।
4.कम लागत, अधिक मुनाफा
जैविक खेती में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के स्थान पर जैविक संसाधनों का उपयोग होता है, जिससे उत्पादन लागत कम हो जाती है और किसानों को अधिक मुनाफा होता है।
5.बाजार में अधिक मांग
जैविक उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे किसानों को उनके उत्पादों के अच्छे दाम मिलते हैं। यह उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है।
जैविक खेती योजना 2025 के लिए पात्रता
•पंजीकृत किसान: इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने जैविक खेती के लिए पंजीकरण कराया होगा।
•अपनी भूमि पर खेती करने वाले किसान: केवल वे किसान जो अपनी भूमि पर जैविक खेती करना चाहते हैं, इस योजना के पात्र होंगे।
•किसान समूह या एफपीओ: यदि किसान समूह या किसान उत्पादक संगठन (FPO) के माध्यम से जैविक खेती करते हैं तो उन्हें अधिक लाभ मिलेगा।
जैविक खेती योजना 2025 के तहत मिलने वाली सब्सिडी
1.बीज पर सब्सिडी: सरकार जैविक बीजों पर 50% तक सब्सिडी प्रदान करेगी।
2.जैविक खाद और उर्वरकों पर सब्सिडी: जैविक खाद, जैव उर्वरक और जैव कीटनाशकों पर 60% तक सब्सिडी दी जाएगी।
3.प्रमाणन शुल्क में छूट: जैविक उत्पादों के प्रमाणन शुल्क पर 75% तक की छूट दी जाएगी।
4.बाजार उपलब्धता: जैविक उत्पादों को बेचने के लिए सरकार विशेष जैविक बाजार उपलब्ध कराएगी और ई-नाम पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन बिक्री की सुविधा भी देगी।
जैविक खेती योजना आवेदन प्रक्रिया
1.ऑनलाइन आवेदन
किसान सरकारी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय उन्हें आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र अपलोड करने होंगे।
2.दस्तावेज़ आवश्यकताएं
- आधार कार्ड
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
3.आवेदन स्वीकृति
आवेदन की जांच के बाद किसानों को योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
जैविक खेती योजना सरकार द्वारा जारी अन्य योजनाएं
•परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)
इस योजना के अंतर्गत किसानों को जैविक खेती के लिए आर्थिक सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।
•राष्ट्रीय जैविक कृषि मिशन (NMSA)
इस योजना के माध्यम से जैविक कृषि के क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी विकासको बढ़ावा दिया जाता है।
•कृषि यंत्र अनुदान योजना
जैविक खेती के लिए आवश्यक कृषि यंत्रों पर सरकार द्वारा 50% से 60% तक की सब्सिडी दी जाती है।