हेलो दोस्तों आप सबका स्वागत है हमारे इस आर्टिकल में और आज हम मेक इन इंडिया कृषि योजना के बारे में बात करेंगे, पूरी जानकारी जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा करें.
मेक इन इंडिया कृषि योजना 2025
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां देश की अधिकांश जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर करती है। किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने और कृषि क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा “मेक इन इंडिया कृषि योजना” अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना और भारत को विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना था।
कृषि क्षेत्र भी इस अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। वर्ष 2025 में सरकार ने “मेक इन इंडिया कृषि योजना” के तहत किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, आधुनिक तकनीकों को अपनाने और वैश्विक बाजार में भारतीय कृषि उत्पादों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं।
मेक इन इंडिया कृषि योजना 2025 का उद्देश्य
मेक इन इंडिया कृषि योजना 2025 का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाना, किसानों की आय में वृद्धि करना और आधुनिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देना है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में निवेश को आकर्षित कर भारत को वैश्विक कृषि बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना भी इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है।
मेक इन इंडिया कृषि योजना के मुख्य घटक
1. आधुनिक कृषि तकनीक का उपयोगः मेक इन इंडिया कृषि योजना के तहत किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसमें ड्रोन, स्मार्ट ट्रैक्टर, सेंसर आधारित सिंचाई प्रणाली आदि शामिल हैं।
2. नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावाः कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप्स और नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार अनुदान और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इससे कृषि क्षेत्र में नए-नए उत्पाद और सेवाएं उभरकर सामने आ रही हैं।
3. रोजगार के अवसर सृजित करनाः इस योजना के माध्यम से कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न किए जा रहे हैं।
4. कृषि निर्यात में वृद्धिः सरकार का उद्देश्य है कि भारतीय कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाकर किसानों को अधिक आय प्राप्त हो। इसके लिए निर्यात केंद्रों और कृषि प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जा रही है।
5. कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण और भंडारणः किसानों के उत्पादों को सुरक्षित रखने और उनके मूल्य में वृद्धि करने के लिए सरकार कृषि भंडारण केंद्रों और प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा दे रही है।
मेक इन इंडिया कृषि योजना के अंतर्गत लागू प्रमुख योजनाएं
1. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY):
इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए आधुनिक तकनीकों और जल संरक्षण के साधनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे खेती में पानी की बचत और उत्पादकता में वृद्धि होती है।
2. राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम):
ई-नाम के माध्यम से किसानों को अपनी उपज का ऑनलाइन व्यापार करने का अवसर मिलता है। इससे किसानों को बिचौलियों से छुटकारा मिलता है और उनकी उपज का उचित मूल्य मिलता है।
3. पीएम किसान सम्मान निधि योजनाः
इस योजना के तहत किसानों को सालाना ₹6,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिससे वे अपनी खेती से जुड़े खर्चों को पूरा कर सकें।
4 . फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FPO):
किसानों को समूह के रूप में संगठित कर उन्हें बाजार तक सीधा पहुंचाने के लिए FPO की स्थापना की जा रही है। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है।
5. कृषि यांत्रिकीकरण योजनाः
इस योजना के अंतर्गत किसानों को उन्नत कृषि यंत्रों और उपकरणों पर सब्सिडी दी जाती है। इससे किसानों की उत्पादकता बढ़ाई जा रही है और खेती को आसान बनाया जा रहा है।
मेक इन इंडिया कृषि योजना के लाभ
1. आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोगः किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों जैसे ट्रैक्टर, ड्रोन, और सेंसर आधारित सिंचाई प्रणाली का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो रही है।
2. आर्थिक सशक्तिकरणः मेक इन इंडिया कृषि योजना के अंतर्गत किसानों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे वे अपनी खेती को और बेहतर बना रहे हैं।
3. रोजगार के नए अवसरः कृषि आधारित उद्योगों, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और निर्यात केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
4. कृषि निर्यात को बढ़ावाः इस योजना के तहत भारत के कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहुंचाया जा रहा है। इससे किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त हो रहा है।
5. कृषि प्रसंस्करण और भंडारणः सरकार किसानों के उत्पादों को सुरक्षित रखने और उनके मूल्य में वृद्धि के लिए प्रसंस्करण और भंडारण केंद्रों का निर्माण करवा रही है।
मेक इन इंडिया कृषि योजना 2025 के प्रभाव
1 . किसानों की आय में वृद्धिः सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य और बाजार तक सीधी पहुंच मिल रही है।
2. तकनीकी क्रांतिः कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों के उपयोग से कृषि उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। किसान अब ड्रोन, स्मार्ट ट्रैक्टर और सेंसर आधारित तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं।
3. निर्यात में बढ़ोतरीः सरकार द्वारा निर्यात केंद्रों और प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के कारण भारतीय कृषि उत्पादों का वैश्विक बाजार में विस्तार हुआ है। इससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है।
4. कृषि क्षेत्र में निवेशः मेक इन इंडिया योजना के तहत कृषि क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे कृषि आधारित उद्योगों में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
5. खाद्य प्रसंस्करण का विस्तारः कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण के माध्यम से उनके मूल्य में वृद्धि हो रही है। इससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल रहा है और देश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में तेजी आई है।
मेक इन इंडिया कृषि योजना के मुख्य बिंदु
- कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों का उपयोग।
- किसानों को वैश्विक बाजार तक पहुंच प्रदान करना।
- कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप्स और नवाचार को बढ़ावा देना।
- कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना।
- किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना।
- कृषि आधारित उद्योगों का विकास।
- कृषि भंडारण और प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना।
- किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करना।
मेक इन इंडिया कृषि योजना 2025 ने भारत के कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी है। यह योजना न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि देश के कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार में स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आधुनिक तकनीकों, नवाचारों और निवेश के माध्यम से यह योजना भारत को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अग्रसर है।