फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना 2025: किसानों की ताकत को संगठित करने की पहल

हेलो दोस्तों आप सबका स्वागत है हमारे इस आर्टिकल में और आज हम फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना के बारे में बात करेंगे, पूरी जानकारी जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा करें.

भारत की अगर असली ताकत कहीं है, तो वो गांवों में है, खेतों में है, और उन खेतों में काम करने वाले किसानों में है। लेकिन ये भी सच है कि हमारे ज्यादातर किसान छोटे और सीमांत किसान हैं, जिनके पास न तो ज्यादा जमीन है, न ही ज्यादा पैसा। ऐसे में, जब अकेला किसान बाजार में जाता है, तो उसे न अच्छे दाम मिलते हैं और न ही सही सुविधाएं। इसी मुश्किल को हल करने के लिए सरकार ने फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना (FPO) को 2020 में लॉन्च किया था, और अब 2025 तक इसे पूरे देश में मजबूती से लागू करने का बड़ा प्लान है।

फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना आखिर FPO है क्या?

सीधे समझें तो फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना किसानों का एक ऐसा संगठन है, जो पूरी तरह किसानों के ही फायदे के लिए बनाया जाता है। इसमें एक गांव या एक इलाके के किसान मिलकर एक कंपनी बनाते हैं। इस कंपनी में मालिक भी किसान होते हैं और चलाने वाले भी किसान ही होते हैं। ये संगठन अपने ही सदस्यों की फसल की खरीद-बिक्री करता है, उन्हें सस्ती दरों पर बीज, खाद, मशीन और दूसरी चीजें मुहैया करात और बाजार में उनकी सीधी पहुंच बनाता है।

फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना क्यों जरूरी है?

आप खुद सोचिए, जब एक छोटा किसान अकेले अपनी फसल लेकर मंडी जाता है, तो उसकी बात कौन सुनता है? उसे कभी सही दाम नहीं मिलता, कभी बिचौलिए लूट लेते हैं, कभी माल खराब हो जाता है, और कभी-कभी तो उसे मजबूरी में औने-पौने दाम में बेचना पड़ता है।

अब अगर वही किसान अपने पूरे गांव के किसानों के साथ मिलकर एक संगठन बनाए, और पूरा गांव एक साथ अपनी फसल बेचे, तो उनकी ताकत बढ़ जाएगी। खरीदार भी उन्हें सीरियसली लेंगे और कीमत भी अच्छी मिल सकती है। यही आइडिया है फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना का किसानों को मिलकर ताकतवर बनाना।

फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना 2025 की खास बातें

सरकार ने इस योजना में बहुत सारी चीजें जोड़ी हैं, ताकि यह सिर्फ कागजों में ही न रहे, बल्कि जमीन पर असर भी दिखाए।

1. 10,000 नए FPO बनाने का लक्ष्य सरकार का प्लान है कि 2025 तक पूरे देश में कम से कम 10,000 नए FPCए जाएं, ताकि हर इलाके के किसान इससे जुड सकें।

2. पूरी मदद सरकार की एक FPO बनाने में पैसे लगते हैं- रजिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग, ऑफिस, सब कुछ। सरकार हर FPO को इसके लिए करीब 18 लाख रुपये तक की मदद दे रही है।

3. क्लस्टर बेस्ड एप्रोच मतलब यह कि हर इलाके में जो फसल सबसे ज्यादा उगाई जाती है, उसी फसल पर फोकस करके FPO बनेगा। इससे स्पेशलाइजेशन आएगा और किसानों को मार्केट में पहचान भी मिलेगी।

4. क्रेडिट गारंटी फंड किसान संगठन को बैंक से लोन लेने में दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये का क्रेडिट गारंटी फंड बनाया है। इससे बैंक भी बिना डरे लोन देंगे।

5. डिजिटल कनेक्टिविटी FPO को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है, ताकि किसान मंडी के भरोसे न रहें, सीधे देशभर में अपने प्रोडक्ट्स बेच सकें।

फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना किसानों को क्या फायदा?

अब यह सवाल सबसे बड़ा है कि किसानों को इससे मिलेगा क्या? तो उसके जवाब में देखिए ये फायदेः

  • सस्ती खरीदः जब पूरा FPO मिलकर बीज, खाद, दवाई खरीदेगा तो थोक में सस्ती दर मिलेगी।
  • बेहतर दामः जब किसान अकेले नहीं बल्कि ग्रुप में माल बेचेंगे तो मजबूरी में दाम गिराना नहीं पड़ेगा।
  • बाजार तक सीधी पहुंचः बिचौलिए हट जाएंगे और किसान सीधे कंपनियों, बड़े खरीदारों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेच सकेंगे।
  • प्रोसेसिंग और ब्रांडिंग: FPO अपने प्रोडक्ट की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और ब्रांडिंग भी कर सकता है, जिससे प्रोडक्ट की वैल्यू बढ़ती है।
  • सरकार की सीधी मददः सब्सिडी, ट्रेनिंग और टेक्निकल सपोर्ट FPO के जरिए सीधा किसानों तक पहुंचता है।

कैसे बनेगा फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना?

अगर किसी गांव के 10 या उससे ज्यादा किसान चाहें तो मिलकर अपना FPO बना सकते हैं। इसके लिए उन्हें आवेदन देना होता है अपने जिले के कृषि विभाग या नाबार्ड में। वहां से अप्रूवल मिलने के बाद FPO रजिस्टर होता है, और उसके बाद सरकारी मदद मिलनी शुरू हो जाती है।

फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना महिलाओं के लिए खास मौका

सरकार ने यह भी तय किया है कि जहां-जहां महिला किसान समूह मजबूत हैं, वहां महिला FPO को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे FPO को ज्यादा सब्सिडी, ज्यादा ट्रेनिंग और ज्यादा मार्केटिंग सपोर्ट मिलेगा। इससे महिलाओं की आर्थिक ताकत भी बढ़ेगी और गांवों में उनकी भागीदारी भी मजबूत होगी।

फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना से जुड़ी कुछ चुनौतियां

हालांकि योजना बहुत अच्छी है, लेकिन इसे सही तरीके से जमीन पर उतारने में कुछ परेशानियां भी आ रही हैं:

किसानों में जागरूकता की कमी है।

  1. दस्तावेज और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अभी भी थोड़ी जटिल है।
  2. कुछ जगहों पर FPO बनने के बाद भी सही मार्केट लिंक नहीं बन पा रहा है।
  3. प्रबंधन और बुक कीपिंग जैसे कामों में किसानों को ट्रेनिंग की जरूरत है।
  4. शुरुआती सालों में मुनाफा न होने से किसान हिम्मत हार सकते हैं।

फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना सरकार का नजरिया

सरकार इस योजना को लेकर काफी गंभीर है, और इसे सिर्फ एक स्कीम नहीं बल्कि किसान आंदोलन की तरह देख रही है। कई जगहों पर मॉडल FPO बन चुके हैं, जो छोटे किसानों को जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से बूत कर रहे हैं।

फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना कि कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • 10,000 नए FPO का लक्ष्य (2025 तक)
  • प्रति FPO 18 लाख रुपये तक की सरकारी मदद
  • 1000 करोड़ रुपये का क्रेडिट गारंटी फंड
  • क्लस्टरआधारित खेती का प्रोत्साहन
  • डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन बिक्री की सुविधा

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