राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना 2025 का उद्देश्य, लाभ, विशेषताएं, पात्रता, लाभार्थी सूची, मुख्य फसलें, जानिए पूरी जानकारी।

हेलो दोस्तों आप सबका स्वागत है हमारे इस आर्टिकल में और आज हम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के बारे में बात करेंगे, पूरी जानकारी जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा करें.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना 2025 (NFSM)

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना (NFSM) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है जिसका उद्देश्य देश में खाद्य फसलों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसानों की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाना है। यह मिशन वर्ष 2007-08 में शुरू किया गया था और इसके तहत चावल गेहूं दलहन मोटे अनाज और तिलहन जैसी फसलों की उत्पादकता में सुधार लाने के लिए विभिन्न कदम उठाए जाते हैं।

NFSM का क्रियान्वयन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जाता है। मिशन का मुख्य फोकस उन जिलों और राज्यों पर है जहां कृषि उत्पादन अपेक्षाकृत कम है। वर्ष 2025 तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना का विस्तार और मजबूत किया गया है ताकि भारत को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत आधुनिक तकनीक उन्नत बीज बेहतर सिंचाई सुविधा और फसल प्रबंधन तकनीकों के जरिए उत्पादन बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। मिशन के तहत विशेष रूप से चावल गेहूं और दलहन की उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्रित योजनाएं बनाई गई हैं। इसमें किसानों को उनकी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। मिशन का उद्देश्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं है बल्कि उत्पादन की गुणवत्ता में भी सुधार लाना है।

इस मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा टिकाऊ खेती की प्रथाओं को बढ़ावा देना है जिससे प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम और सही तरीके से उपयोग किया जा सके।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना 2025 के मुख्य उद्देश्य खाद्य उत्पादन में वृद्धि:

चावल गेहूं और दलहन जैसी प्रमुख फसलों की उत्पादकता को बढ़ाकर देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाना।

  • प्रति इकाई क्षेत्र से उत्पादकता बढ़ाना।
  • सीमित कृषि भूमि पर बेहतर तकनीकों का उपयोग करके प्रति हेक्टेयर उत्पादकता को बढ़ाना।
  • कृषि संसाधनों का कुशल प्रबंधन।
  • जल उर्वरक और अन्य संसाधनों का टिकाऊ उपयोग सुनिश्चित करना।

किसानों की आय में वृद्धि:

  1. बेहतर फसल उत्पादन के जरिए किसानों की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाना।
  2. कृषि में रोजगार सृजन।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित रोजगार के अवसर प्रदान करना।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत शामिल फसलें।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत प्रमुख रूप से चावल गेहूं और दलहन की फसलें शामिल हैं। इसके अलावा मोटे अनाज जैसे ज्वार बाजरा और मक्का और तिलहन जैसे सरसों और सोयाबीन को भी मिशन के तहत प्राथमिकता दी गई है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के प्रमुख घटक।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत निम्नलिखित घटक शामिल हैं:

1. बीज उत्पादन और वितरण: किसानों को उन्नत और गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराना।

2. सिंचाई प्रबंधन: सूखे क्षेत्रों में सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों का उपयोग बढ़ाना।

3. फसल प्रबंधन: कीट और रोग नियंत्रण के लिए जैविक उपायों को बढ़ावा देना।

4. प्रशिक्षण कार्यक्रम: किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों के बारे में जागरूक करना।

5. मशीनरी सहायता: खेती के लिए आवश्यक उपकरण और मशीनरी पर सब्सिडी प्रदान करना।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के कार्यप्रणाली और कार्यान्वयन।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना का क्रियान्वयन केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयास से किया जाता है। इसके तहत राज्यों को कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। प्रत्येक राज्य में एक मिशन निदेशक नियुक्त किया जाता है जो मिशन की गतिविधियों की निगरानी और क्रियान्वयन सुनिश्चित करता है। इसके अलावा कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और अन्य संस्थानों के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत निम्नलिखित गतिविधियों पर जोर दिया जाता है:

  • जलवायु परिवर्तन के अनुकूल खेती की तकनीकों को बढ़ावा देना।
  • स्थानीय कृषि परिस्थितियों के अनुसार उन्नत बीजों का वितरण।
  • जलवायु-स्थायी फसल चक्र को अपनाना।
  • जैव उर्वरकों और जैविक खेती की प्रथाओं का प्रचार।

किसानों को मिलने वाले लाभ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन किसानों को कई प्रकार के लाभ प्रदान करता है:

  1. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना आर्थिक सहायता।
  2. फसल उत्पादन में सुधार के लिए उपकरण बीज उर्वरक और कीटनाशकों पर सब्सिडी।
  3. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना तकनीकी मार्गदर्शन।
  4. उन्नत कृषि तकनीकों के उपयोग के लिए किसानों को विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना प्रशिक्षण और जागरूकता:

  • खेती के आधुनिक तरीकों और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के बारे में प्रशिक्षण कार्यक्रम।
  • उपज की गुणवत्ता में सुधार।
  • उन्नत बीजों और खेती की नई विधियों के माध्यम से बेहतर गुणवत्ता वाली फसलें प्राप्त करना।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना से जुड़ी ज़रूरी जानकारी।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत, किसानों को प्रदर्शन, प्रमाणित बीज वितरण, सिंचाई उपकरण, कृषि मशीनरी, फसल आधारित प्रशिक्षण, बीज मिनीकिट वगैरह के ज़रिए लाभ मिलता है।

  • यह योजना केंद्र सरकार की एक प्रायोजित योजना है।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना की शुरुआत साल 2007 में हुई थी।
  • इस योजना के तहत, चावल, गेहूं, और दालों के उत्पादन को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया था।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत, मोटे अनाज और वाणिज्यिक फ़सलों को भी शामिल किया गया।
  • इस योजना के तहत, किसानों को एक सीज़न में 5 हेक्टेयर तक सीमित सहायता मिलती है।
  • इस योजना के तहत, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को अलग से आरक्षण दिया जाता है।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत, छोटे औरसीमांत किसानों, और महिला किसानों को भी अलग से आरक्षण दिया जाता है।

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