राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) 2025: भारतीय कृषि के समग्र विकास की दिशा में एक सशक्त कदम उठाया गया।

हेलो दोस्तों आप सबका स्वागत है हमारे इस आर्टिकल में और आज हम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के बारे में बात करेंगे, पूरी जानकारी जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा करें.

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना क्या है।

भारत की आत्मा गांवों में बसती है और गांवों की आत्मा कृषि में रची- बसी है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और देश की लगभग आधी आबादी का जीवन कृषि पर ही निर्भर है। लेकिन समय के साथ-साथ यह क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। जलवायु परिवर्तन, घटते जल संसाधन, बढ़ती लागत, बाजार की अस्थिरता और नई तकनीकों की जानकारी का अभाव – ये सभी मिलकर किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं।

इन्हीं समस्याओं को हल करने और भारतीय कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा देने के लिए 2007-08 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) की शुरुआत की थी। समय के साथ इसमें कई बदलाव और सुधार किए गए। अब 2025 में यह योजना नए सिरे से लागू की जा रही है, जिसमें आधुनिक तकनीक, डिजिटल नवाचार और जलवायु-समझ कृषि जैसी कई नई पहलें शामिल हैं।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का परिचय।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एक ऐसा कार्यक्रम है, जो राज्यों को अपनी जरूरतों और प्राथमिकताओं के हिसाब से कृषि विकास की योजनाएं बनाने और उन्हें लागू करने के लिए वित्तीय मदद प्रदान करता है। यह केंद्र और राज्य सरकारों की साझेदारी में संचालित एक लचीली योजना है, जो कृषि और इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में समग्र विकास का लक्ष्य रखती है।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना 2025 की खासियतें।

2025 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को और प्रभावी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं, जो इस प्रकार हैं:

1. जलवायु-स्मार्ट कृषि का विस्तार आज जलवायु परिवर्तन एक बड़ा खतरा बन चुका है। फसलें समय पर नहीं होतीं, बारिश या तो कम होती है या बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। RKVY 2025 के तहत किसानों को जलवायु के अनुकूल फसलें अपनाने, जल संरक्षण तकनीक अपनाने और जलवायु-स्मार्ट खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

2. डिजिटल कृषि की ओर कदम 2025 में डिजिटल तकनीक किसानों की सबसे बड़ी ताकत बनने जा रही है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत किसानों को मोबाइल ऐप्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें मौसम की सटीक जानकारी, मिट्टी की जांच रिपोर्ट, बाजार की कीमतों का अद्यतन विवरण और नई कृषि तकनीकों की जानकारी एक ही जगह मिल सकेगी।

3. स्टार्टअप्स और नवाचार को बढ़ावा युवाओं को कृषि में जोड़ने और नए आइडियाज को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि स्टार्टअप्स को फंडिंग और मार्गदर्शन दिया जाएगा। यह योजना ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के नए दरवाजे भी खोलेगी।

4. कृषि मूल्य श्रृंखला का संपूर्ण विकास खेती सिर्फ उत्पादन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि प्रसंस्करण, भंडारण, मार्केटिंग और निर्यात तक की पूरी श्रृंखला को मजबूत किया जाएगा। किसान उत्पादक संगठन (FPO) और सहकारी समितियों को इसमें सक्रिय भागीदार बनाया जाएगा।

5. प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा रासायनिक खेती से मिट्टी और पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना 2025 के तहत किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक किया जाएगा। साथ ही जैविक उत्पादों की मार्केटिंग के लिए विशेष सहायता दी जाएगी।

6. आधुनिक तकनीक का समावेश ड्रोन से फसलों की निगरानी, सैटेलाइट मैपिंग, स्मार्ट सिंचाई, सेंसर्स आधारित खेती जैसे अत्याधुनिक उपायों को अपनाने के लिए किसानों को अनुदान और प्रशिक्षण दिया जाएगा।

7. कृषि विविधीकरण और उद्यमिता पारंपरिक फसलों से आगे बढ़ते हुए बागवानी, पशुपालन, मत्स्यपालन, मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन जैसी विविध गतिविधियों को भी इस योजना में शामिल किया गया है, ताकि किसानों की आमदनी के कई रास्ते खुलें।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के उद्देश्य।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना 2025 के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  • राज्यों को कृषि में नवाचार और स्वतंत्र योजना निर्माण का अधिकार देना।
  • कृषि में पूंजी निवेश को बढ़ावा देना।
  • उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाना।
  • जलवायु-समझ और सतत खेती को प्रोत्साहित करना।
  • बागवानी, मत्स्य पालन, डेयरी जैसे संबद्ध क्षेत्रों को मजबूत बनाना।
  • कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग और विपणन में सुधार करना।
  • युवाओं, महिलाओं और स्टार्टअप्स को कृषि में भागीदार बनाना।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के वित्तीय ढांचा।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में केंद्र और राज्यों की भागीदारी तय की गई है:

  1. सामान्य राज्यों में 60% केंद्र और 40% राज्य का योगदान।
  2. पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में 90% केंद्र और 10% राज्य का योगदान।

2025 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए केंद्र सरकार ने करीब 75,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो साफ दिखाता है कि कृषि क्षेत्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना क्रियान्वयन और निगरानी।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के सफल संचालन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच मजबूत समन्वय जरूरी है। इसके लिए राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति (SLSC) का गठन किया गया है, जो परियोजनाओं की मंजूरी और निगरानी करेगी। साथ ही कृषि विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, FPOS और निजी क्षेत्र की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के संभावित लाभ।

RKVY 2025 के लाभ बहुआयामी होंगे:

  1. उत्पादकता में वृद्धिः आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक प्रथाओं से फसल उत्पादन बढ़ेगा।
  2. आय में बढ़ोतरीः विविधीकरण और मूल्य संवर्धन से किसानों की आय बढ़ेगी।
  3. जोखिम प्रबंधनः जलवायु अनुकूल खेती से प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव कम होगा।
  4. रोजगार सृजनः स्टार्टअप्स, प्रसंस्करण इकाइयों और कृषि विविधीकरण से ग्रामीण रोजगार बढ़ेगा।
  5. सतत विकासः जैविक खेती और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से पर्यावरण संतुलन बना रहेगा।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की चुनौतियां और समाधान।

योजना की सफलता के रास्ते में कुछ चुनौतियां भी हैं:

  • किसानों में जागरूकता की कमी।
  • परंपरागत खेती की मानसिकता।
  • तकनीकी ज्ञान और डिजिटल साक्षरता का अभाव।
  • नौकरशाही प्रक्रियाओं में देरी।

इन चुनौतियों का समाधान व्यापक जागरूकता अभियान, प्रशिक्षण कार्यक्रम, डिजिटल कृषि हेल्पडेस्क और ग्राम स्तर पर कृषि नवाचार केंद्रों की स्थापना से किया जाएगा।

Leave a Comment